Tag: दैवी और आसुरी संपदा विभाग योग

भगवद्गीता अध्याय 16: दैवी और आसुरी संपदा विभाग योग – आत्म-विजय का मार्गदर्शक

भगवद् गीता: अध्याय 16 की गहराई हिन्दू दर्शन के आधार स्तम्भ, भगवद्गीता आत्म-साक्षात्कार के लिए गहन मार्गदर्शन प्रदान करती है। प्रत्येक अध्याय ज्ञान का एक परत खोलता है। अध्याय 16, “दैवी और आसुरी संपदा विभाग योग” शीर्षक से, हमारे भीतर रहने वाली विपरीत शक्तियों – दैवी (दिव्य) और आसुरी (राक्षसी) प्रकृति का अन्वेषण करता है। […]