भगवद गीता का तीसरा अध्याय कर्मयोग या निःस्वार्थ सेवा का मार्ग है। इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण जीवन में कर्म के महत्व पर जोर देते हैं। वे बताते हैं कि इस भौतिक संसार में हर मनुष्य का किसी न किसी प्रकार की क्रिया में सम्मिलित होना अनिवार्य है। इसके अलावा, वह उन कार्यों के बारे […]
भगवद गीता अध्याय 3: कर्मयोग
- Post author By bhagvadgitacommunity
- Post date
- Categories In Read Bhagavad Gita in Hindi
- No Comments on भगवद गीता अध्याय 3: कर्मयोग