Tag: Unveiling the Divine and Demonic Natures: A Guide to Self-Mastery in Bhagavad Gita Chapter 16 (Daivasura Sampada Vibhaga Yoga)

भगवद्गीता अध्याय 16: दैवी और आसुरी संपदा विभाग योग – आत्म-विजय का मार्गदर्शक

भगवद् गीता: अध्याय 16 की गहराई हिन्दू दर्शन के आधार स्तम्भ, भगवद्गीता आत्म-साक्षात्कार के लिए गहन मार्गदर्शन प्रदान करती है। प्रत्येक अध्याय ज्ञान का एक परत खोलता है। अध्याय 16, “दैवी और आसुरी संपदा विभाग योग” शीर्षक से, हमारे भीतर रहने वाली विपरीत शक्तियों – दैवी (दिव्य) और आसुरी (राक्षसी) प्रकृति का अन्वेषण करता है। […]

Unveiling the Divine and Demonic Natures: A Guide to Self-Mastery in Bhagavad Gita Chapter 16 (Daivasura Sampada Vibhaga Yoga)

Bhagavad Gita : Understanding Chapter 16 The Bhagavad Gita, a cornerstone of Hindu philosophy, offers a profound guide to self-realization. Each chapter unveils a layer of wisdom, and Chapter 16, titled Daivasura Sampada Vibhaga Yoga (The Yoga of Divine and Demonic Qualities), explores the contrasting forces that reside within us all – the divine (Daivi) […]