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भगवद्गीता अध्याय 15: पुरुषोत्तम योग – आत्मिक ज्योति को जगाने का मार्ग

भगवद् गीता: अध्याय 15 की गहराई भगवद्गीता, आत्म-साक्षात्कार के लिए एक सनातन मार्गदर्शक, ज्ञान की परतों को खोलती है, हर परत एक गहरे सत्य को प्रकट करती है. अध्याय 15, जिसे “पुरुषोत्तम योग” (परम सत्ता का योग) कहा जाता है, कृष्ण परम वास्तविकता की गहन अवधारणा का अनावरण करते हैं – पुरुषोत्तम, जो सारी सृष्टि […]